Guru Chandal Dosh:

 किसी भी जातक के जीवन में मिल रही सफलता या असफलता में बृहस्पति ग्रह का योगदान होता है। परंतु गुरु ग्रह की पाप ग्रह राहु के साथ हो युति बन जाए साथ ही यह लग्न के पंचम या नवम भाव में हो तो यह विनाशकारी फल देता हैं । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल योग दोष…

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RAHU KETU DOSH :

अगर आपकी कुंडली में राहु-केतु का दोष है तो आपके जीवन में परेशानियां और समस्याओं का अंबार का बना रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु ग्रह को छाया या पापी ग्रह माना गया है। राहु-केतु ग्रह की छाया जिस पर भी पड़ती है, उसका जीवन कष्टदाय़ी होता है, कि राहु-केतु ग्रह के दोष से ही…

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Shani Dosh

ऐसा माना जाता है कि किसी की जन्म कुंडली शनि मेहरबान तो जीवन उद्धार शनि प्रतिकूल होने पर जीवन में त्रासदियाँ होंगी। शनि देव को न्याय और कृपा के देवता माने गए हैं. शनि देव के आशीर्वाद से जीवन धन, संपत्ति, ऐश ओ आराम से भर जाता है तो वहीं शनि के अशुभ प्रभाव से…

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Kaal Sarp Dosh:

कालसर्प दोष का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे पर चिंता छा जाती है इस दोष में राहु और केतु ग्रह का प्रभाव विशेष रूप से महसूस होता है। यह दोष विवाह, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति आदि के क्षेत्र में परेशानी पैदा कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब जातक की कुंडली में राहु और…

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Mangal Dosh: मंगल दोष के कारण हो रही जीवन में कठनाईयाॅं

मंगल को ग्रहो का सेनापति माना गया है साथ ही मंगल एक उग्र ग्रह भी है। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में हो तो व्यक्ति को मंगल दोष होना माना गया है। इस दोष का मुख्यता विवाह में देरी होने के साथ साथ व्यक्ति को…

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क्या आपके जीवन में भी नहीं है सुख और शांति ? कारण कहीं कुंडली दोष तो नहीं ?

हर व्यक्ति की जीवन में उसकी कुंडली का महत्व अद्वितीय है। जन्म की तारीख, जन्म स्थान और जन्म के समय के आधार पर ग्रह नक्षत्रों की गणना होती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोषों के बारे में पता चलता है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में मौजूद दोष व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।…

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पितृदोष क्या है?

पितृदोष क्या है? पितृदोष, जिसे कई लोग पितृदोष दोष या पितृशाप भी कहते हैं, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख धार्मिक अवधारणा है। यह विशेष रूप से पितृवंश के उदारणों को प्रभावित करने वाली मान्यताओं पर आधारित है। इसे हिन्दू धर्म के प्रभावशाली ग्रंथों जैसे कि ‘गरुड़ पुराण’ और ‘विष्णु पुराण’ में विस्तार से वर्णित किया…

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