सिंधु नदी(Indus River) के किनारे पहाड़ों की तलहटी में बसा एक सुन्दर शहर लद्दाख की राजधानी लेह है। कराकोरम और हिमालय पर्वतमाला के बीच बसा लेह हमेशा पर्यटकों और एडवेंचर्स के लिए पहली पसंद है। लेह-लद्दाख की खूबसूरत वादियों अलावा यहां एक से बढ़कर एक जगहें हैं जो आपको हमेशा याद रहेगी।
पैंगोंग लेक
अपनी प्राकृतिक सुन्दरता एवं सामरिक महत्त्व के कारण पैंगोंग झील हमेशा सुर्ख़ियों में रहती है। पहाड़ों के बीच एक खुबसूरत झील है पैंगोंग जिसे पैंगोंग त्सो भी बोला जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी और अनोखी झीलों में से एक है। जिसे पैंगोंग त्सो भी कहा जाता है।
ये समुद्र तल से 4500 मीटर की ऊंचाई पर खारे पानी की बेहद ही खूबसूरत झील है, खारा पानी होने की वजह से झील में कोई मछली या जीव नहीं पाए जाते जिसकी वजह से ये झील बेहद साफ दिखती है। सर्दियो में झील पूरी तरह जाम जाती है। झील का पानी हमेशा रंग बदलता रहता है, कभी लाल, हरा या कभी नीला हो जाता है, रात में झील के ऊपर से तारो के देखने पर कैसा लगता है जैसे ये बेहद करीब हो
चीन से विवादित जगह होने के करण वह हमेशा बड़ी संख्या में आपको सेना देखने को मिल सकती है
झील का साफ पानी और आस पास बर्फ से ढके पहाड़ों की ऐसी खुबसूरती, है कि आपको कहीं और जाने का मन नहीं करेगा, वाकाई में ये बेहद खूबसूरत और मन को पसंद आने वाली नंबर 1 जगह है पैंगोंग लेक
135 किमी. लंबी यह झील बुमेरांग (Boomerang) के आकार में 604 वर्ग किमी. में फैली हुई है और यह 6 किमी. चौड़ी आइस स्केटिंग (Ice Skating) और पोलो के लिये बेहतरीन जगह है।
जंस्कार घाटी
बर्फ से ढके पहाड़ों और स्वच्छ नदियों से सजी जंस्कार घाटी भारत खूबसूरत जन्नत ।
लद्दाख से लगभग 105 किलोमीटर दूर कारगिल में स्थित है, 13,154 की ऊंचाई पर बसी जंस्कार घाटी ‘द टेथिस’ हिमालय में पांच हजार वर्ग किलोमीटर में फैली है।
यहां आपको विभिन्न- विभिन्न प्रजातियां के जीव जैसे-स्नो लेपर्ड, भालू, मर्मोट, डोजो, याक, भेड़ और घोड़े देखने को मिलते है। यह जगह ‘ट्रेकिंग’ और ‘रिवर राफ्टिंग’ और चादर ट्रैक के लिए प्रसिध्द है।
खारदुंग ला
लद्दाख में ग्रेटर हिमालय में स्थित खारदुंग ला दर्रा दुनिया भर के एडवेंचर्स चाहने वालों के लिए एक प्रमुख जगह है।
मैग्नेटिक हिल्स
मैग्नेटिक हिल्स लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 27 किमी दूर एक प्रसिद्ध और दिलचस्प स्थान है, यहां सीधे पहाड़ों में जाते रास्ते ऐसे दिखते हैं जैसी के आप ऊंची पर जा रहे हैं, वास्तव में आप नीचे जा रहे हैं और आपकी गाड़ी ऐसी लगती है जैसे ऊपर जा रही , लेकिन वास्तव में नीचे जाने की वजह से ऐसा लगता है गाड़ी न्यूट्रियल या बिना रेस दिए चल रही हो। इस छदम एहसास को ही मैग्नेटिक हिल्स कहते है।