लिव इन रिलेशनशिप – Live In Relationship – क्या सही क्या गलत

live in relationship

1978 में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी थी। यह माना गया था कि शादी करने की उम्र वाले लोगों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं है।

लिव इन रिलेशनशिप क्या है ? What is live in a relationship? 

दो व्यस्क लोगो का या कहें प्रेमी जोड़े का बिना शादी किये एक ही छत के नीचे लंबे समय तक एक साथ में रहना ही लिव इन रिलेशनशिप ( live – in a relationship) है। लिव-इन रिलेशनशिप के लिए वे से तो अभी कोई कानून नही बनाया गया है।

लिव इन रिलेशन की जरूरत ? Need of Live In Relationship

शादी एक कमिटमेंट और जिम्मेदारी वाला रिश्ता होता है, जिस प्रेमी जोड़े को एक प्यार के बंधन से हमेशा के लिए बांधा जाता है, शादी में आपसी समझोते के अलावा परिवार या समाज से भी अनुमति मिलती है या लेनी होती है।

इस कॉम्पिटिशन वाली लाइफ में आज जहां महिला को भी पूरा हक मिलता है, और प्रेमी जोड़े का एक लाइफ टाइम के लिए साथ में रहने का निर्णय लेने के पहले कम्पैटबिलटी चेक अपने पार्टनर को सही तरह से जानने और समझने  की जरूरत से ही लिव इन रिलेशन का जन्म हुआ है।

लिव इन रिलेशनशिप महत्वपूर्ण 

शादी एक प्रकार का लीगल कमिटमेंट और जिम्मेदारी वाला रिश्ता होता है। शादी में आपसी समझोते के अलावा दोनो के माता-पिता, परिवार या समाज से भी अनुमति मिलती है या लेनी होती है। और यदि शादी को खत्म करना हो या एक दूसरे से अलग होना हो तो उन्हें तलाक लेना पड़ता है। तलाक एक लम्बी कानूनी प्रक्रिया के साथ बहूत सारी टेंशन होती है।

लिव इन रिलेशनशिप की प्रकृति अत्यंत व्यक्तिगत और स्वतंत्र होती है। इसमें कोई रस्म और तरीके का पालन नहीं होता है, और कपल्स के बीच संबंध विचारशीलता और समझदारी पर आधारित होता है। इस संबंध में दोनों व्यक्तियों को एक साथ रहने की स्वतंत्रता और अधिक मुक्ति मिलती है।

कानूनी लीगल – By Law Legal

भारत में अब लिव इन रिलेशनशिप लीगल है।

अवधि समय – Live in Relationship Time

लिव इन रिलेशनशिप में दोनों पक्षधरों का एक साथ एक लंबी अवधि या एक सही अवधि तक रह रहे हैं, साथ में रहने के साथ संसाधनो और आर्थिक आदन प्रदान किया हो तो लिव इन माना जाएगा । अवधि का मतलब ऐसा नहीं होना चाहिए कि, दोनों कुछ समय साथ रहे फिर अलग हुए और फिर साथ रहे।

शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार – Right to Sexual Intercourse

लिव इन रिश्ते की कानूनी मान्यता के अनुसार दोनों पार्टनर के बीच यौन संबंध की पूरी आजादी है। अगर रिश्ते में रहने के दौरान बच्चा पैदा होता है, तो रिश्ते को लिव इन माना जाएगा। यौन संबंध बनाने और बच्चा पैदा करना दोनों की इच्छा और आपसी सहमती पर निर्भर करता है।

क्या शादीशुदा व्यक्ति लिव इन में रह सकते है?

इसमें बदलाव है अभी इसे लेकर कानून का कोई स्पष्ट पक्ष नहीं है, कुछ मामलों में कानून ने मौलिक आधार के हवाले से ये माना है कि शादीशुदा होने के बावजूद लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कोई गुनाह नहीं है और इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि शादीशुदा व्यक्ति ने तलाक की कार्रवाई शुरू की है या नहीं.

लिव इन महिलाओं के अधिकार एवं सुरक्षा?

लिव इन में रहने वाली महिलाओं के पास वो सारे कानूनी अधिकार हैं, जो भारतीय पत्नी को संवैधानिक कानूनन तौर पर दिए गए हैं।

  • घरेलू हिंसा से संरक्षण प्राप्त
  • प्रॉपर्टी पर अधिकार
  • संबंध विच्छेद की स्थिति में गुजारा भत्ता
  • बच्चे को पिता विरासत का अधिकार

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