अगर आपकी कुंडली में राहु-केतु का दोष है तो आपके जीवन में परेशानियां और समस्याओं का अंबार का बना रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु ग्रह को छाया या पापी ग्रह माना गया है। राहु-केतु ग्रह की छाया जिस पर भी पड़ती है, उसका जीवन कष्टदाय़ी होता है, कि राहु-केतु ग्रह के दोष से ही कालसर्प दोष भी बनता है। कई लोग राहु-केतु का नाम लेते ही डर जाता है।
राहु-केतु दोष होने पर जातक गृहक्लेश, धनहानी, मानसिक तनाव, कीमती चीजों का खोना, अत्यधिक क्रोध,राजकीय समस्याएं, मुकदमे आदि बाधाओं का सामना करता हैं।
जातक यदि बार बार सांप, छिपकली और पक्षी को देखता है तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु दोष होना माना गया है।
राहु की प्रतिकूल स्थिति होने पर जातक के जीवन में अशुभ घटनाएं, तनाव और अनिद्रा, शरीर में अकड़न, कमजोरी, कामकाज ठप हो जाता है। वहीं कुंडली में केतु की स्थिति प्रतिकूल होने पर जातक को धनहानी अनिद्रा, और वाद-विवाद, मुकदमे, संतान संबंधी कष्ट, जोड़ों में दर्द, चर्म रोग, घुटनों का दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द और पारिवारिक रिश्तों में तनाव आदि केतु अशुभ होने के संकेत देते हैं।
राहु-केतु ग्रह इतने भयानक कि सूर्य और चंद्रमा को भी कुंडली में कमजोर प्रतिकूल बना देते हैं।
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